Wednesday, 26 December 2018
Monday, 24 December 2018
Narsinghpur Makhanlal Chaturvedi University Center list
Narsinghpur Makhanlal Chaturvedi University Center list
8162 | AASTHA COMPUTERS | DEVENDRA SINGH GUMASTA | PGDCA, DCA | ||
8126 | ADVANCE COURSES OF COMPUTER APPLICATION | SAURAV KHARE | PGDCA, DCA | ||
7329 | GLOBAL IT PLANET | ER. RUDRESH TIWARI | MSC(CS), MSC(CS)LE, BCA, PGDCA, DCA | ||
7074 | KCE INSTITUTE OF PROFESSIONALS | ANITA YADAV | MSC(CS), BCA, PGDCA, DCA | ||
8161 | NARSINGH I.T.TECH. COMPUTER OF COLLEGE | SHRI K.M.S. THAKUR | BCA, PGDCA | ||
8164 | PC COMPUTER CENTER | SHARAD MALVIYA | PGDCA, DCA | ||
8160 | R.C. EDUCATION | mr .sachin shukla | PGDCA, DCA | ||
8163 | RAJRADHA ACADEMY | Smt Sandhya Kothari | PGDCA, DCA | ||
8165 | SARASWATI ACADEMY OF COMPUTER SCIENCE AND APPLICATION | BINDU BALA JAIN | PGDCA, DCA | ||
8166 | THAKUR NIRANJAN SINGH INSTITUTE OF COMPUTER SCIENCE AND TECHNOLOGY | DIRECTOR | PGDCA, DCA |
नर्मदा जयंती : नर्मदा की महिमा का बखान
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शब्दों में नहीं किया जा सकता मां नर्मदा की महिमा का बखान...
स्कंद पुराण के रेवाखंड में ऋषि मार्केडेयजी ने लिखा है कि नर्मदा के तट पर भगवान नारायण के सभी अवतारों ने आकर मां की स्तुति की। पुराणों में ऐसा वर्णित है कि संसार में एकमात्र मां नर्मदा नदी ही है जिसकी परिक्रमा सिद्ध, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर, मानव आदि करते हैं। मां नर्मदा की महिमा का बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता।
देव सरिता मां नर्मदा अक्षय पुण्य देने वाली है। श्रद्घा शक्ति और सच्चे मन से मां नर्मदा का जन अर्चन करने से सारी मनोकामना पूरी होती है। सरस्वती नदी में स्नान करने से जो फल तीन दिन में मिलता है, गंगा जी में स्नान से वह एक दिन में ही मिलता है। वही फल मां नर्मदा के दर्शन मात्र से ही मिल जाता है।
सत्युग के आदिकल्प से इस धरा पर जड़, जीव, चैतन्य को आनंदित और पल्लवित करने के लिए शिवतनया का प्रादुर्भाव माघ मास में हुआ था। आदिगुरु शंकराचार्यजी ने नर्मदाष्टक में माता को सर्वतीर्थ नायकम् से संबोधित किया है। अर्थात माता को सभी तीर्थों का अग्रज कहा गया है।
नर्मदा के तटों पर ही संसार में सनातन धर्म की ध्वज पताका लहराने वाले परमहंसी, योगियों ने तप कर संसार में अद्वितीय कार्य किए। अनेक चमत्कार भी परमहंसियों ने किए जिनमें दादा धूनीवाले, दादा ठनठनपालजी महाराज, रामकृष्ण परमहंसजी के गुरु तोतापुरीजी महाराज, गोविंदपादाचार्य के शिष्य आदिगुरु शंकराचार्यजी सहित अन्य विभूतियां शामिल हैं।
आज अमरकंटक से लेकर खंभात की खाड़ी तक के रेवा-प्रवाह पथ में पड़ने वाले सभी ग्रामों व नगरों में उल्लास और उत्सव का दिन है, क्योंकि वह दिन नर्मदा जयंती का होता है।
कहा गया है-
'गंगा कनखले पुण्या, कुरुक्षेत्रे सरस्वती,
ग्रामे वा यदि वारण्ये, पुण्या सर्वत्र नर्मदा।'
- आशय यह कि गंगा कनखल में और सरस्वती कुरुक्षेत्र में पवित्र है किन्तु गांव हो या वन नर्मदा हर जगह पुण्य प्रदायिका महासरिता है। कलकल निनादनी नदी है...हां, नदी मात्र नहीं, वह मां भी है। अद्वितीया, पुण्यतोया, शिव की आनंदविधायिनी, सार्थकनाम्ना स्रोतस्विनी नर्मदा का उजला आंचल इन दिनों मैला हो गया है, जो कि चिंता का विषय है।
'नर्मदाय नमः प्रातः,
नर्मदाय नमो निशि,
नमोस्तु नर्मदे नमः,
त्राहिमाम् विषसर्पतः'
- ..हे मां नर्मदे! मैं तेरा स्मरण प्रातः करता हूं, रात्रि को भी करता हूं, हे मां नर्मदे! तू मुझे सर्प के विष से बचा ले।
दरअसल, भक्तगण नर्मदा माता से सर्प के विष से बचा लेने की प्रार्थना तो मनोयोगपूर्वक करते आए हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम सभी जागरूक होकर नर्मदा को प्रदूषण रूपी विष से बचाने मे लिए आगे आएं।
https://www.youtube.com/watch?v=U1mkQsAEhbE
https://www.youtube.com/channel/UCMN3G8CcYx-vCgS4nyzQtKA/videos
https://www.youtube.com/watch?v=dR4MUi6Juis
https://www.youtube.com/watch?v=ZsZaM3e9rw0
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Sunday, 23 December 2018
शराब की लत – कारण, लक्षण, नुकसान एवं छोड़ने के उपाय
शराब की लत – कारण, लक्षण, नुकसान एवं छोड़ने के उपाय
शराब की लत – (Alcohol addiction in hindi ) –
शराब की लत एक गम्भीर बीमारी है। जिसने समाज को बहुत खतरनाक तरीके से जकड़ लिया है। शराब की लत के शिकार लोगों को शराब ना मिलने पर वे अत्यंत व्याकुल हो जाते हैं। शराब के नशे के लिय तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। झूठ बोलना, नशे के लिय चोरी करना तथा आपराधिक कार्य करने में भी नही हिचकते हैं।
लोग शराब का सेवन कई प्रकार से करते हैं। कुछ लोग नियंत्रित मात्रा में उचित तरीके से पीते हैं । इनके शराब पीने से किसी को कोई परेशानी भी नही होती है। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगो के लिए शराब जिन्दगी की बहुत बड़ी समस्या बन जाती है शराब पर उनका कोई नियंत्रण नही होता है बल्कि शराब का उनकी जिन्दगी पर पूरा नियंत्रण हो जाता है। इनकी जिन्दगी में शराब ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण वस्तु बन जाती है। शराब की वजह से उनकी जिन्दगी में अनेक शारीरिक, मानसिक परेशानियाँ खड़ी हो जाती हैं लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद व्यक्ति शराब नही छोड़ पाता है। यही शराब का सबसे बड़ा दुर्गुण है।
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